Maharajganj

एक अक्तूबर को सजेगी महराजगंज महोत्सव की महफिल, कुमार विश्वास, पंकज, मैथिली ठाकुर, निरहुआ समारोह में बांधेंगे फिजा

जनपद के स्थापना दिवस पर कला, साहित्य, लोक संस्कृति का होगा संगम, राष्ट्रीय कलाकारों के साथ जिले के प्रतिभागी भी बिखरेंगे जलवा

 https://youtu.be/rW-Md9LNTCQ
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- 

जनपद के स्थापना दिवस दो अक्तूबर को जवाहर लाल नेहरू पीजी कॉलेज के मैदान में तीन दिन तक सुर-लय-ताल के साथ-साथ कला, साहित्य व लोक संस्कृति का संगम होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवि कुमार विश्वास के अलावा भजन सम्राट पंकज, मैथिली ठाकुर व भोजपुरी सिनेजगत के अभिनेता व सांसद दिनेश लाल निरहुआ महोत्सव में आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। महराजगंज महोत्सव के आयोजन को लेकर शासन के निर्देश पर डीएम सत्येन्द्र कुमार  आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक कर दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं। एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा सभी तैयारियों की मानीटरिंग कर रहे हैं। पीजी कॉलेज के ग्राउंड को महोत्सव के लिए सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।इसमें वाटर प्रुफ पांडाल बनाए जाएंगे। एडीएम आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ कई बार कार्यक्रम स्थल की तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। 
 जानें क्यों दो अक्तूबर को ही मनाया जाता है महराजगंज महोत्सव 
गोरखपुर जनपद से दो अक्टूबर 1989 को अलग होकर महराजगंज जिले का गठन हुआ था। इस तारीख को महराजगंज जिले के जन्मदिन के रूप में भी मान्यता है। शासन की मंशा के अनुसार जिले के स्थापना दिवस पर प्रशासन इसे धूमधाम से मनाने को लेकर तीन दिवसीय महाराजगंज महोत्सव के आयोजन की विस्तृत रूप रेखा तैयार कर चुका है। तैयारियों को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। 
तीन दिन रहेगी लोकरंजन की धूम, जिले की कला को मिलेगी पहचान
एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि महराजगंज महोत्सव का उद्घाटन एक अक्तूबर को होगा। उद्घाटन सत्र में कई हस्तियां मौजूद रहेंगी। महोत्सव को खास बनाने तथा कार्यक्रम को बेहतर व व्यवस्थित ढंग से कराए जाने के लिए नोडल अधिकारियों की भी तैनाती कर दी गई है। महोत्सव के पहले दिन 1 अक्टूबर को कवि सम्मेलन आयोजित होगा। जिसमें डॉ. कुमार विश्वास आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। 2 अक्तूबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम में सिने अभिनेता व आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ और मैथिली ठाकुर लोकगीत व संगीत जुगलबंदी करेंगे। 3 अक्तूबर को गजल की महफिज सजेगी। प्रख्यात भजन गायक पंकज उधास समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहेंगे तथा अपनी प्रस्तुति से महोत्सव की फिजा बनाएंगे। 
स्कूली छात्र भी महोत्सव में हुनर का बिखेरेंगे जलवा, साइंस एग्जीबिशन में दिखेगा इनोवेशन
महराजगंज महोत्सव के पहले दिन एक अक्टूबर को 12 बजे दीप जलाकर और स्वागत गीत से महोत्सव का शुभारंभ होगा। इस दौरान अन्तर विद्यालयी सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य विभागीय प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा।  04:30 से 05:00 तक महराजगंज के इतिहास पर गोष्ठी, शाम 05 से 06 बजे  तक मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित नाटक 'कफ़न' का मंचन होगा। सायं 7:30 बजे से 8 बजे तक अमित अंजन की प्रस्तुति राधा कृष्ण पर आधारित वीडियो एल्बम का लोकार्पण व संगीत प्रस्तुति, रात 8:30 से 12:00 बजे तक डॉ. कुमार विश्वास एंड टीम की ओर से कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित है। इसके अलावा महराजगंज महोत्सव में साइंस एग्जीबिशन आयोजित होगा। तारामंडल से स्कूली छात्र ग्रह, नक्षत्र व तारों की दुनिया का दीदार कर सकेंगे।
लेजर लाइट एंड शो में गांधी जी की जीवनी की दिखेगी झलक
दूसरे दिन 2 मार्च को 12 बजे- 1 बजे तक अंतर विद्यालय संस्कृत कार्यक्रम, देश भक्ति पर नाटक,एक बजे से दो बजे तक मैजिक शो, दो बजे से तीन बजे तक फ्लावर एण्ड प्लाण्ट शो, तीन बजे चार बजे तक मिशन शक्ति दहेज़ प्रथा व अन्य कार्यक्रम, चार बजे से साढ़े पांच बजे तक स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति रहेगी। साढ़े पांच बजे से 6:00 बजे तक नाटक शहीद भगत सिंह, शाम 6 बजे से साढ़े छह तक महात्मा गांधी पर आधारित लेजर शो 6:30 से 7:30 तक मिमिक्री शो रात्रि 8:30 बजे से 12:00 बजे तक दिनेश लाल यादव निरहुआ वह मैथिली ठाकुर कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। अंतिम दिन 3 मार्च को 12:00 से 1:30 तक साइंस क्विज प्रतियोगिता होगी। 1:30 बजे से 3:00 बजे तक अंतर विद्यालय संस्कृत कार्यक्रम, 3:00 बजे से 4:00 बजे तक पुस्तक वितरण, 4:00 से 5:30 तक स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति, 6:00 बजे से 7:00 बजे तक  फैशन शो, रात्रि 9:00 बजे से 12:00 बजे तक म्यूजिक नाइट व पंकज उधास का कार्यक्रम प्रस्तुत रहेगा। 
महाराजगंज महोत्सव से जनपद को मिलेगी एक खास पहचान
डीएम सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि महाराजगंज महोत्सव के आयोजन से जनपद को पहचान मिलेगी। जिले की सांस्कृतिक धरोहर को पूरे प्रदेश में जाना जाएगा। कलाकारों को मंच मिलेगा। जनपद में राम ग्राम,देवदह जैसे पुरातात्विक स्थान है। सोहगीबरवा वन्य प्रभाग जैसी घूमने और जानने वाली जगह है। जनपद को इतिहास और किताबों में जितनी जगह मिली है उससे कहीं ज्यादा मिलनी चाहिए।

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